सिर्फ दिमाग को तेज करने लिए ही नहीं बल्कि अनेक रोगो के लिए किसी रामबाण से कम नहीं है शंखपुष्पी, जानिए शंखपुष्पी के फायदे

वैसे जो लोग शंखपुष्पी के बारे में नहीं जानते, उन्हें हम बताना चाहते है कि यह एक जड़ी बूटी है, जो स्वास्थ्य के लिए काफी गुणकारी है। जी हां आयुर्वेद के अनुसार यह कई तरह की बीमारियों को रोकने में मददगार साबित होती है। बता दे कि भारत के पथरीले मैदानों में यह आसानी से पाई जाती है, इसका इस्तेमाल औषधि के रूप में किया जाता है। दरअसल शंखपुष्पी की प्रकृति ठंडी होती है और यह स्वाद में थोड़ी कसैली होती है। अगर विशेषज्ञों की माने तो आज के तनावपूर्ण जीवन में हर व्यक्ति को इसका सेवन करना चाहिए। यहाँ गौर करने वाली बात ये है कि यह स्वास्थ्य के लिए वरदान है, क्यूकि इस पौधे के फूल, पत्ते, तना, जड़ और बीज सहित लगभग सभी हिस्सों का इस्तेमाल औषधि के रूप में किया जाता है। तो चलिए आपको इसके फायदों के बारे में बताते है।
स्वास्थ्य के लिए वरदान है शंखपुष्पी का पौधा :
याददाश्त बढ़ाने में मददगार : बता दे कि इसके अनोखे गुणों के चलते प्राचीन काल से ही गुरु अपने शिष्यों को जड़ सहित इसके पूरे पौधे को ताजा पीस कर दूध या मक्खन के साथ शहद, मिश्री या शक्कर मिला कर ब्रह्मा मुहूर्त में इसका सेवन करने का उपदेश देते थे। वो इसलिए ताकि इससे बुद्धि का सही और अधिक विकास हो सके। इसके इलावा आपकी जानकारी के लिए बता दे कि शंखपुष्पी और गिलोय का सत्व, अपामार्ग की जड़ का चूर्ण, विडंग के बीजों का चूर्ण, कूठ, वचा, शतावरी और छोटी हरड़ को समान मात्रा में तीन तीन ग्राम सुबह शाम दूध के साथ मिला कर सेवन करने से याददाश्त तेज होती है।
बालों के लिए लाभकारी : बता दे कि इस पौधे का लेप बालों के लिए काफी लाभकारी होता है। जी हां जड़ सहित पूरा पौधा पीस कर उसका लेप सिर पर लगाने से बाल सुंदर और चमकदार होते है। यहाँ तक कि शंखपुष्पी की जड़ को पीस कर उसके रस की कुछ बूंदों को नाक में डालने से बाल समय से पहले सफेद नहीं होते। इसके इलावा इसके रस को शहद में मिला कर पीने से बालों का झड़ना भी रुक जाता है और शंखपुष्पी, भृंगराज तथा आंवला से निर्मित तेल को बालों में लगाने से बाल स्वस्थ रहते है।
खून की उल्टी रोकने में सहायक : अगर किसी को खून की उल्टी हो रही हो तो चार चम्मच शंखपुष्पी का रस, एक चम्मच दूब घास और एक चम्मच गिलोय का रस मिला कर पिलाने से जल्दी लाभ होता है। इसके इलावा नाक से खून बहने पर इसकी बून्द नाक में डालने से भी फायदा होता है।
मूत्र विकार में फायदेमंद : बता दे कि मूत्र करते समय जलन या दर्द होना, रुक रुक कर मूत्र का आना या पेशाब में पस आ जाना आदि रोगों से राहत पाने के लिए इसका सेवन काफी फायदेमंद साबित होता है। जी हां इन सबसे राहत पाने के लिए हर रोज इसके पांच ग्राम चूर्ण का गाय के दूध, मक्खन, शहद या छाछ के साथ सेवन करने से लाभ होता है।
डायबिटीज में लाभकारी : गौरतलब है कि यह शरीर की सभी कोशिकाओं में नवशक्ति का संचार करती है और ऐसे में डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए शंखपुष्पी के चूर्ण की दो चार ग्राम मात्रा को गाय के दूध के मक्खन के साथ या पानी के साथ जरूर लेना चाहिए, इससे काफी लाभ होता है।
मिर्गी ठीक करने में सहायक : बता दे कि जो लोग मिर्गी की समस्या से पीड़ित है, उन्हें शंखपुष्पी के पूरे पौधे के रस या चूर्ण को कूठ के चूर्ण के साथ समान मात्रा में मिला कर शहद के साथ लेने से बेहद लाभ होता है। जी हां इससे मरीज के दिमाग को शक्ति मिलती है और हिस्टीरिया तथा उन्माद जैसे रोगों से मुक्ति मिलती है।
इस पौधे के सेवन से कई रोगों से मिलता है छुटकारा :
बवासीर और कब्ज दूर करने में सहायक : बता दे कि जो लोग इस समस्या से पीड़ित है, उन्हें शंखपुष्पी का सेवन करना चाहिए, इससे आँतों के अंदर रुका हुआ विष बाहर निकलता है और कब्ज तथा बवासीर की समस्या से छुटकारा मिलता है।
गर्भाशय को ताकत देने में मददगार : बता दे कि गर्भाशय से निकलने वाले रक्त को रोकने के लिए यह उत्तम और पौष्टिक औषधि है। जी हां गर्भाशय से संबंधित किसी भी तरह की समस्या के लिए यह बेहद गुणकारी है और इसके लिए शंखपुष्पी को हरड़, घी, शतावरी और शक्कर के साथ मिला कर इसका सेवन करना चाहिए।
नियमित करे सेवन : गौरतलब है कि शंखपुष्पी का नियमित सेवन छह महीने तक किया जा सकता है और इससे न केवल शरीर के रोग दूर होते है, बल्कि मन भी शांत होता है। इसके इलावा इसके चूर्ण की मात्रा तीन से पांच ग्राम ली जा सकती है और रस की मात्रा पांच से बीस मिलीलीटर ली जा सकती है। यहाँ गौर करने वाली बात ये है कि इसके सेवन के तुरंत बाद दूध का सेवन जरूर करे, इससे पाचन शक्ति ठीक रहती है। बहरहाल अब तो आप समझ गए होंगे कि आखिर शंखपुष्पी स्वास्थ्य के लिए वरदान क्यों मानी जाती है और इसके क्या फायदे है। दोस्तों आपको यह जानकारी कैसी लगी, इस बारे में हमें अपनी राय जरूर दीजियेगा।