किसान की बेटी तपस्या परिहार ऐसे बनी IAS ऑफिसर

2017 में अपने दूसरे ही प्रयास में 23 वी रेंक के साथ UPSC क्लियर करने वाली तपस्या परिहार नरसिंहपुर के एक छोटे से गांव जोवा की रहने वाली हैं।
जिस क्षेत्र और समाज से तपस्या आती है वहां अधिकतर रूढ़िवादी सोच के चलते बेटियों की शिक्षा पर उतना जोर नही दिया जाता और अधिकतर पेरेंट्स की सोच होती है कि बेटियों को जल्दी से जल्दी शादी करके घर बसा लेना चाहिए।
लेकिन इस मामले में तपस्या परिहार भाग्यशाली थी कि उनका परिवार बेटियों को शिक्षित बनाने और कामयाब करने में विश्वास रखता था । उनका परिवार भले ही गांव में रहता हो लेकिन उन्होंने तपस्या के सपनों को पंख देने में कोई कसर नही छोड़ी ।
उसी का नतीजा है कि किसान की इस बेटी ने अपने दूसरे प्रयास में अच्छी रैंक से UPSC का एग्जाम पास करके खुद के और परिवार के सपनो को पूरा किया।
मिली सपोर्ट तो छू लिया आसमान
तपस्या के परिवार को तपस्या से भी ज्यादा भरोषा था उनकी कामयाबी पर । जॉइंट फैमिली में पली बढ़ी तपस्या के परिवार की सोच बेटियों को पढ़ाकर कामयाब बनाने की थी। तपस्या छोटी उम्र से ही मेहनती और पढ़ने में होनहार रही है।
22 जनवरी 1992 को जन्मी IAS तपस्या के पिताजी का नाम विश्वास परिहार है जोकि एक किसान है । इनकी माता ज्योति परिहार गांव जोवा की सरपंच रह चुकी है ।
स्कूल के टाइम से ही टॉपर थीं IAS TAPASYA PARIHAR
सेंट्रल स्कूल से पढ़ी तपस्या ने 10 वी और 12 वी में टॉप करके अपने घरवालों को अपने मजबूत इरादों से परिचय करा दिया था । उन्हें विश्वास हो गया कि वे एकदिन कामयाब होगी और ऊंचाइयों को छुएंगी ।
स्कूलिंग के बाद उन्होंने नेशनल लॉ सोसाइटीज लॉ कॉलेज पुणे से ग्रेजुएशन की ।
परिवार ने उन्हें देश की सबसे बड़ी परीक्षा UPSC में सम्मलित होने के लिए प्रेरित किया । इसके बाद वे दिल्ली आ गयी और दिल्ली में रहकर सिविल सेवाओ की तैयारी में लग गयी ।
दादी से मिली प्रेरणा
जॉइंट परिवार में पली तपस्या घर के बच्चों में सबसे बड़ी है। गांव देहात के बारे में अमूमन यही सोचा जाता है कि बेटियों को घर के बुजुर्ग सपोर्ट नही करते। पर यहाँ इसके उलट तपस्या की दादी ने उन्हें बहुत मोटिवेट किया। सिविल सेवा में जाने के लिए दादी लगातार प्रेरित करती थी । परिवार के अन्य सदस्य भी उन्हें लगातार प्रेरित करते थे ।
दूसरे प्रयास में मिली सफलता
दिल्ली में रहते हुए लगभग ढाई साल तक तपस्या परिहार ने सिविल परीक्षाओं के लिए तैयारी की । पहले प्रयास में उन्हें कामयाबी नही मिली । वे प्री एग्जाम भी क्लियर नही कर पाई । पर इससे हतोत्साहित होने की जगह उन्होंने फिर से मेहनत की और दूसरे प्रयास में उनका सिलेक्शन हो गया। 2017 में 23 वी रैंक के साथ तपस्या परिहार ने UPSC की परीक्षा पास की ।
सेल्फ स्टडी को बनाया कामयाबी का मूल मंत्र
तपस्या परिहार का मानना है कि सिर्फ कोचिंग के सहारे UPSC का एग्जाम क्लियर करना संभव नही है। इसके लिए सेल्फ स्टडी बेहद जरूरी है । कोचिंग क्लास में हर किसी पर उतना ध्यान नही दिया जा सकता लेकिन प्रतिभागी सेल्फ स्टडी कर खुद का सही आकलन कर सकता है। एकाग्रचित्त होकर की गई मेहनत आपको सफलता दिलाती है ।
2017 में UPSC परीक्षा में 23 वी रेंक हासिल करने के पीछे का मूलमंत्र उनकी सेल्फ स्टडी ही है ।
8 से 10 घंटे रोज की पढ़ाई
पढ़ाई के लिए पूरी स्ट्रेटजी बनाकर उन्होंने 8 से 10 घंटे रोज पढ़ाई की । हालांकि प्री के बाद ये समय बढ़कर 12 घंटे पर पहुँच गया । कुछ पुराने सफल अभ्यर्थियों के इंटरव्यू भी उन्होंने देखे और उनके हिसाब से खुद को इंटरव्यू के लिए तैयार किया ।
तपस्या UPSC की परीक्षा के लिए प्रयास कर रहे अन्य प्रतिभागियों को सफलता का मूलमंत्र यही बताती है कि पूरी लगन , मेहनत और ईमानदारी से प्रयास करे। महंगे कोचिंग संस्थानों के बजाय सेल्फ स्टडी को जीत का मूल मंत्र बनाये ।