“लड़की ने पॉकेट में 300 रुपए लेकर घर छोड़ दिया था, आज 7.5 करोड़ की कंपनी की ओनर बन गई है”

“लड़की ने पॉकेट में 300 रुपए लेकर घर छोड़ दिया था, आज 7.5 करोड़ की कंपनी की ओनर बन गई है”

आज की कहानी एक ऐसी लड़की की है, जिसने अपनी तकदीर खुद ही लिखी और अकेले संघर्ष करके कुछ नहीं से बड़ा मुकाम हासिल किया। जिस उम्र में बेतिया अपने मां पापा की परी होती हैं, उस उम्र में इस लड़की ने खुद को संभाला और दो वक़्त की रोटी के लिए काम किया। धीरे धीरे वह बड़ी बिज़नेस वुमन बन गई और आज करोड़ो रुपए कमा रही है।

चीनू कला ने पारिवारिक तनाव के कारण मात्र 15 साल की उम्र में घर छोड़ दिया था। उस वक़्त उनकी जेब में केवल 300 रुपये थे। मुंबई की चीनू घर छोड़ने के बाद सड़क पर आ गई थीं, उनके पास किसी बी तरह से रहने और ठहरने के लिए कोई जगह नहीं थी।

अपने कुछ कपडे और पैरों में चप्पल पहनकर घर से निकली चीनू ने एक जगह ठहरने के लिए खोजी, जहां हर रात गद्दे का 20 रुपये किराया लग रहा था। कुछ दिन नौकरी सर्च करने बाद एक जगह जॉब मिली। इस नौकरी में घर-घर जाकर चाकू के सेट और अन्न किचिन के सामन बेचना होता था।

सबसे पहले एक सेल्सगर्ल का काम किया

अब वे एक सेल्सगर्ल बन गई थी। इस जॉब से उन्हें रोज़ के 20 से 60 रुपये की कमाई होती। उनका यह काम कोई आसान भी नहीं था, क्योंकि घर घर जाने पर कभी कभी लोग बहित रूड बर्ताव करते हैं और मुंह पर दरवाज़ा बन कर देते, लेकिन इससे उन्होंने हर नहीं मानी। वे दिन व दिन और अधिक मेहनत करती।

एक साल काम करने के बाद चीनू को प्रमोशन भी मिल गया था। मात्र 16 साल की उम्र में वे कंपनी की सुपरवाइजर बनाई गई और उनके अंडर तीन लड़कियों को ट्रेनिंग देने लगीं। उनकी तनखाह भी अब बढ़ चुकी थी। एक स्थानीय पत्रकार को उन्होंने बताया की वह हमेशा से एक बिज़नेस वुमन बनना चाहती थीं। एक वक़्त जब वे अपने 2 वक़्त की खाने के लिए रोटी नौकरी कर रही थी, तब भी उनका यही सपना था।

एक रेस्टोरेंट में वेट्रेस का भी काम किया

आज 37 साल की हो चुकी चीनू ने जब 15 साल की उम्र में अपना घर छोड़ दिया था, तो वे शिक्षा प्राप्त नहीं कर सकी थी। फिर सेल्सगर्ल की नौकरी करने के बाद उन्होंने एक रेस्टोरेंट में वेट्रेस के तौर पर भी काम किया और फिर तीन सालों में उन्होंने अपनी स्थिति काफी सुधर ली थी।

फिर साल 2004 में उनके जीवन में वो पल आया, जब उन्हें अपना जीवन साथी मिला। उन्होंने अमित कला से शादी कर ली। जो आगे चलकर चीनू की जिंदगी बदलने वाले थे। अपने विवाह के बाद चीनू बेंगलुरु शिफ्ट हो गईं थी।

दो साल बाद उन्होंने अपने मित्रों के कहने पर Gladrags मिसेज इंडिया पेजेंट में हिस्सा के लिया। इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले अन्य प्रतिभागी बहुत ही उच्च शिक्षा लिए हुए थे, जबकि चीनू पूरी तरह शिक्षित नहीं थीं।

फिर भी उन्होंने पाना कॉन्फिडेंस नहीं खोया और इस प्रतियोगिता में वह फाइनल तक भी गई। इससे उन्हें कई मौके मिलने वाले थे। चीनू फैशन की दुनिया में एक मॉडल बन गई थी। यहाँ उन्होंने फैशन इंडस्ट्री में फैशन ज्वेलरी को देखा और समझ ली। साल 2014 में कुछ रिसर्च करने के बाद अपनी जमा पूंजी लगाकर उन्होंने ‘रुबंस’ की नीव रखी।

पिछले साल उनकी कंपनी का रेवेन्यू 7.5 करोड़ रुपये दर्ज़ किया गया था। आज चीनू की कंपनी में 25 लोग काम कर रहे हैं। अभी के समय में 25 लोगो को रोजगार देने वाली चीनू संघर्ष और सफलता की एक मिसाल है।

[ डि‍सक्‍लेमर: यह न्‍यूज वेबसाइट से म‍िली जानकार‍ियों के आधार पर बनाई गई है. Air News अपनी तरफ से इसकी पुष्‍ट‍ि नहीं करता है. ]

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