गांव में पानी की समस्या देख 25 साल की स्टूडेंट ने खुद कुआं खोद दिया, पूरे गांव को मिल रहा पानी

गांव में पानी की समस्या देख 25 साल की स्टूडेंट ने खुद कुआं खोद दिया, पूरे गांव को मिल रहा पानी

मलकानगिरी के बोंडा हिल के खैरापुट ब्लॉक में सड़क की कनेक्टिविटी भी नहीं है. यहां बोंडा जनजाति के लोग रहते हैं. उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र या कोई भी सरकारी सुविधा भी लेनी होती है तो नाला और जंगल पार करना पड़ता है.

गांव की एक लड़की मालती सिसा भुवनेश्वर के KIIT यूनिवर्सिटी से इकॉनमिक्स से एमए कर रही के लौटी. उसे गांव में एक नई परेशानी दिखी और वह थी पानी की किल्लत. गांव का एक मात्र ट्यूबवेल खराब पड़ा था और 4 महीने से गांव के लोग अधिकारियों के चक्कर काट रहे थे.

जब गांव के लोगों को कोई ऑप्शन नहीं मिला तो वे एक नाला से पानी लाने लगें और जरूरत को पूरा करते थे. लेकिन, गांव के किसान ढाबुला सिसा की 25 साल की बेटी मालती से अपनी मां और तीन बहनों को कई किमी दूर नाले से पानी लाते देखा नहीं गया. गांव की दूसरी महिलाएं भी वहीं से पानी लाती थीं.

अधिकारियों ने जब नहीं सुनी तो मालती ने गांव के लोगों के लिए कुआं खोदने का निर्णय लिया. उसने अपनी एक खाली पड़ी जमीन का चुनाव किया, जहां से गांव में रहने वाले सभी 60 परिवारों को सुविधो हो जाए. अपने पिता और बहनों के सहयोग से मालती ने कुआं के लिए खुदाई शुरू कर दी.

पिता ने बेटी को 7000 रुपये भी दिए कि वह एक मोटर पंप लाकर कुआं की मिट्टी की सफाई कर दे. परिवार ने तबतक खुदाई चालू रखी जबतक साफ पानी मिल नहीं गया. अब पूरा गांव वहां से पानी लाकर पी रहा है.

अफसर ने कहा, मिलेगी मजदूरी

यह कुआं 14 फीट गहरा और 4 फीट चौड़ा है. गांव वाले मालती के प्रयास से खुश हैं. वहीं, डीपीओ का कहना है कि ट्यूबवेल को जल्द से जल्द बनवाया जाएगा. मालती के परिवार को भी कुआं की खुदाई के लिए मनरेगा के तहत पैसा दिया जाएगा

[ डि‍सक्‍लेमर: यह न्‍यूज वेबसाइट से म‍िली जानकार‍ियों के आधार पर बनाई गई है. Air News अपनी तरफ से इसकी पुष्‍ट‍ि नहीं करता है. ]

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