एक लापता सिलेंडर ने उड़ा दी थाईलैंड की नींद, भरा है खतरनाक रेडियोएक्टिव पदार्थ, फैल सकता है कैंसर

एक लापता सिलेंडर ने उड़ा दी थाईलैंड की नींद, भरा है खतरनाक रेडियोएक्टिव पदार्थ, फैल सकता है कैंसर

थाईलैंड में अधिकारी एक खतरनाक रेडियोएक्टिव सामग्री वाले मेटल सिलेंडर का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। यह सिलेंडर इसी हफ्ते एक पावर प्लांट से गायब हो गया था। जनता को इसके निकट जाने पर गंभीर स्वास्थ्य जोखिमों की चेतावनी दी गई है।

करीब दो महीने पहले इसी तरह का एक मामला ऑस्ट्रेलिया में सामने आया था जब एक रेडियोएक्टिव कैप्सूल खो गया था। बड़े पैमाने पर चलाए गए सर्च ऑपरेशन और काफी खोजबीन के बाद कैप्सूल हाईवे के किनारे मिला था।

थाईलैंड का मामला ऑस्ट्रेलिया से ज्यादा गंभीर है। ऑस्ट्रेलिया का कैप्सूल प्रमुख शहरों से सैकड़ों किमी दूर देश के बाहरी इलाके में खोया था। जबकि थाईलैंड का सिलेंडर एक घनी आबादी वाले इलाके में गायब हो गया है। सिलेंडर 30 सेमी लंबा और 13 सेमी चौड़ा है।

यह 10 मार्च को मध्य थाईलैंड के एक प्रांत प्राचिन बुरी में कोयला बिजली संयत्र में कर्मचारियों की रूटीन जांच के दौरान लापता हो गया था। इस प्रांत की आबादी करीब 5 लाख है और इसमें थाईलैंड के कुछ सबसे बेहतरीन नेशनल पार्क हैं जहां बड़ी संख्या में अंतरराष्ट्रीय पर्यटक आते हैं।

सिलेंडर में मौजूद है सीज़ियम -137

यह सिलेंडर एक साइलो का हिस्सा था और इसमें सीज़ियम -137 (Caesium-137) है जो एक अत्यधिक रेडियोएक्टिव पदार्थ है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह संभावित रूप से घातक है।

ऑफिस ऑफ एटम्स फॉर पीस (OAP) के एक बयान के अनुसार लापता सिलेंडर की तलाश में सर्च टीमें और ड्रोन तैनात कर दिए गए हैं। सीएनएन से बात करते हुए डेप्युटी सेक्रेटरी जनरल पेन्नापा कंचना ने बुधवार को कहा कि वे सिलेंडर का पता लगाने के लिए रेडियोएक्टिव डिटेक्शन उपकरण का इस्तेमाल कर रहे हैं।

बन सकता है कैंसर का कारण

सर्च ऑपरेशन में थाई पुलिस भी शामिल है जिसका मानना है कि सिलेंडर फरवरी से गायब है। लेकिन नेशनल पावर प्लांट 5 कंपनी की ओर से शुक्रवार को आधिकारिक तौर पर सिलेंडर के लापता होने की सूचना दी गई थी।

पुलिस ने प्लांट से सीसीटीवी फुटेज की जांच की है। विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि सीज़ियम -137 के संपर्क में आने वाले लोगों में गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं। सबसे गंभीर मामलों में यह घातक कैंसर का भी कारण बन सकता है।

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