भाजपा के नौ साल के शासन में जातिगत भेदभाव पर लोगों ने दी मिलीजुली प्रतिक्रिया: सीवोटर सर्वे

भाजपा के नौ साल के शासन में जातिगत भेदभाव पर लोगों ने दी मिलीजुली प्रतिक्रिया: सीवोटर सर्वे

नई दिल्ली, 26 मई (आईएएनएस)। लगभग 46.8 प्रतिशत लोगों का मानना ​​है कि नौ साल पहले सत्ता में आने के बाद से भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के तहत जातिगत भेदभाव बढ़ गया है, जबकि लगभग 30 प्रतिशत लोगों की राय इससे अलग है, जैसा कि सीवोटर सर्वेक्षण से पता चला है।

बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार के नौ साल पूरे होने पर सीवोटर द्वारा कराए गए देशव्यापी सर्वे में यह खुलासा हुआ है। 2014 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने 282 सीटों पर जीत हासिल की थी। इसके बाद 26 मई 2014 को नरेंद्र मोदी ने भारत के प्रधान मंत्री के रूप में शपथ ली।

सर्वे में कहा गया है कि 46.8 फीसदी लोगों का मानना ​​है कि बीजेपी के शासन में पिछले नौ सालों में जातिगत भेदभाव बढ़ा है, जबकि 29.4 फीसदी लोगों की राय इससे उलट है.

सर्वेक्षण में यह भी बताया गया है कि 18.8 प्रतिशत लोगों का मानना ​​है कि जातिगत भेदभाव कुछ हद तक बढ़ गया है, जबकि 5 प्रतिशत ने कहा कि वे इस मुद्दे पर टिप्पणी नहीं कर सकते।

सर्वेक्षण में कहा गया है कि 75.6 प्रतिशत मुस्लिम समुदाय, 68.5 प्रतिशत ईसाई समुदाय, 53.5 प्रतिशत अनुसूचित जाति/दलित और 48.1 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति भी महसूस करते हैं कि पिछले नौ वर्षों में जातिगत भेदभाव बढ़ा है। वर्ष।

सर्वे के मुताबिक, 18 से 24 साल के 52 फीसदी से ज्यादा और 25 से 34 साल के बीच के युवाओं का मानना ​​है कि पिछले नौ सालों में जातिगत भेदभाव बढ़ा है, जबकि 18 से 24 साल के 21.6 फीसदी और 25 से 34 साल के 24.5 फीसदी युवा वर्ग की एक अलग राय है।

साथ ही, 45 से 54 वर्ष की आयु के 44.6 प्रतिशत लोगों का मानना ​​है कि पिछले नौ वर्षों में जातिगत भेदभाव बढ़ा है। सर्वे में यह भी कहा गया है कि मध्यम आय वर्ग के 48.9 फीसदी और निम्न आय वर्ग के 46.6 फीसदी लोगों का मानना ​​है कि पिछले नौ सालों में जातिगत भेदभाव बढ़ा है.

वहीं ग्रामीण इलाकों में 48.2 फीसदी और शहरी इलाकों में 43.5 फीसदी लोगों का मानना ​​है कि पिछले नौ सालों में जातिगत भेदभाव बढ़ा है.

साथ ही करीब 28 फीसदी एनडीए समर्थकों का मानना ​​है कि बीजेपी के शासन में जातिगत भेदभाव बढ़ा है, जबकि 43.2 फीसदी का इससे अलग मत है.

-आईएएनएस

FZ

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