कभी दुकान पर बेचती थी चाय, अब एयरफोर्स में उड़ाएगी फाइटर प्लेन

आज के समय में लड़की भी लड़को के कंधे से कंधा मिलकर चल रही है, ऐसा भी कहा जा सकता है की लड़की लड़को से भी दो कदम आगे है. आज के समय में साइकिल से लेकर हर ट्रांसपोर्ट की गाड़ियां यहाँ तक की ऐरोप्लेन भी लड़की काफी अच्छी तरह से उड़ा रही है. आज हम ऐसेही एक महिला के बड़े में बताने जा रहे है, जिन्होंने अपनी जिंदगी तो काफी गरीबी में गुज़री लेकिन अपनी कड़ी मेहनत से एक अलग ही मुकाम हासिल किया है. तो चलिए शुरू करते है.
एक छोटी-सी दुकान पर अपने पिता के साथ चाय बेचने वाली आंचल गंगवाल का सपना पूरा हो गया। जी हाँ, आंचल अब वायुसेना में फाइटर प्लेन उड़ाएगी। मध्यप्रदेश का नाम रोशन करने वाली बेटी आंचल अब देश के गौरव और सम्मान की रक्षा के लिए अनंत आकाश की ऊंचाइयों में उड़ान भरेगी। इनकी काबिलियत को देखते हुए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी इनकी तारीफ की है.
गौरतलब है की शिवराज सिंह चाैहान ने नीमच में एक चाय की दुकान लगाने वाले की बेटी आंचल को वायुसेना में चुने जाने पर बधाई दी है। मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया “रौशन थी धरती तुझसे, अब रौशन होगा आसमां भी। दुआओं पर परवाज करो, रौशन कर दो जहां भी। अंधेरों को चीरकर फिर एक बेटी ‘आंचल’ ने रच दिया है इतिहास ऐसे ही बढ़ती रहें बेटियां, यही तो हैं हम सबका गौरव और अभिमान भी। बेटी आंचल को स्नेह और आशीर्वाद। माता-पिता को बहुत-बहुत बधाई”.
साल 2018 में शुरू की थी ट्रेनिंग
आंचल गंगवाल का चयन एसरफोर्स फ्लाइंग ब्रांच में साल 2018 में हुआ था, 22 पदों के लिए होने वाले इस कॉमन एडमिशन टेस्ट में देशभर से करीब 6 लाख उम्मीदवारों ने अप्लाई किया था। इनमें से महज 22 परीक्षार्थी सफल हुए जिनमें से 5 लड़कियां हैं। नीमच की रहने वली आंचल मध्यप्रदेश से चयनित एकमात्र उम्मीदवार थीं। इससे पहले आंचल लेबर इंस्पेक्टर की नौकरी करती थी। लेकिन इसको छोड़कर उन्होंने एयरफोर्स ज्वॉइन की ट्रेनिंग पूरी होने के बाद अब आंचल भारतीय वायुसेना में फाइटर प्लेन उड़ाएंगी। आंचल की ट्रेनिंग हैदराबाद की एयरफोर्स एकेडमी में हुई जिसके तीन चरण थे। यहां पर ग्राउंड ड्यूटी के अलावा हेलिकॉप्टर, चॉपर, फाइटर एयरक्राफ्ट और ट्रांसपोर्ट कॅरियर के लिए ट्रेनिंग दी गई है, इनमें से आंचल फाइटर एयरक्राफ्ट की ट्रेनिंग ली है.
अंचल ने इसलिए चुना एयरफोर्स
आंचल का यह कहना है कि जब वह 12वीं में पढ़ती थीं तब उत्तराखंड में बाढ़ आई थी। उस समय सेना ने अपने अदम्य साहस के साथ लोगों की जान बचाते हुए उनकी मदद की थी। तभी से उसे वायुसेना से लगाव हो गया जिसके लिए उन्होंने जमकर मेहनत की और आखिरकार सफलता हासिल किया, आपको बता दें की आंचल ने एसएसबी इंटरव्यू 5 बार फेस किया, लेकिन सफलता छठी बार में मिली।
यह इंटरव्यू 5 दिन तक चलता है जिसमें स्क्रीनिंग के बाद साइकोलॉजिकल टेस्ट और ग्राउंड टेस्ट के साथ पर्सनल इंटरव्यू लिया जाता है। इसमें प्रोग्रेसिव ग्रुप टास्क, कमांड टास्क, सिचुएशन रिएक्शन टेस्ट के जरिये फिजिकल और मेंटल स्ट्रेंथ की भी जांच की जाती है। हर किसी को इनसे प्रेणना लेनी चाहिए, अगर कोई दिल से मेहनत करे तो भगवान् भी उन्हें सफलता देते है. अगर आपको यह पोस्ट अच्छी लगी तो कमेंट करके हमें जरूर बताये.