अफगानिस्तान में फंसे 150 भारतीयों को वापस लेकर आए रविकांत गौतम, बोले ‘फर्ज हो सामने फ़िर डर कैसा

अफगानिस्तान में फंसे 150 भारतीयों को वापस लेकर आए रविकांत गौतम, बोले ‘फर्ज हो सामने फ़िर डर कैसा

अफगानिस्तान में तेजी से बदल रहे हालात के बीच वहां से लोगों का पलायन शुरू हो चुका है। लोग किसी तरह अफगानिस्तान को जल्द से जल्द छोड़ना चाह रहे हैं। ऐसी ही जल्दी कहीं न कहीं अफगानिस्तान में रह रहे भारतीयों में भी देखी जा रही है, क्योंकि तालिबानियों का भरोसा नहीं किया जा सकता। इस वज़ह से भारत सरकार लगातार अपने लोगों को एयरलिफ्ट करने में मुस्तैदी के साथ लग चुकी है।

बता दें कि अफगानिस्तान में फंसे हुए भारतीयों को एयरलिफ्ट कर निकालने के ऑपरेशन की जिम्मेदारी भारत सरकार ने आइटीबीपी (ITBP) के कमांडो को दी थी। गौरतलब हो कि इस आइटीबीपी की कमांडो टीम को मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले के रविकांत गौतम ने लीड किया था।

कमांडेंट रविकांत गौतम ने काबुल से भारतीय नागरिकों के साथ राजनयिकों और अपनी पूरी टीम को सुरक्षित निकालने में सफलता हासिल की। उनके सुरक्षित लौटते ही शिवपुरी में लोगों ने इंटरनेट मीडिया के माध्यम से उन्हें बधाई दी और गर्व भी जताया। रविकांत अपनी कमांडों टीम के साथ 150 से अधिक भारतीयों को सकुशल लेकर हिंडन एयरपोर्ट पर लौटे हैं।

कमांडेंट रविकांत ने एयरपोर्ट पर मीडिया को बताया कि भारत सरकार ने हमें जो जिम्मेदारी दी थी उसे हमने पूरा किया है। वहां हालात भयानक थे। हम दो रात से बिल्कुल नहीं सोए और न ही कुछ खाया। मैं आपरेशन की जानकारी तो साझा नहीं कर सकता हूँ, लेकिन इतना कहूंगा कि सरकार ने इसमें बहुत अच्छे से समन्वय बनाया। मुझे वहां फंसे हुए लोगों के साथ अपनी पूरी टीम को भी सुरक्षित लौटाकर लाना था जिसमें हम सफल रहे।

इतना ही नहीं अफगानिस्तान की राजधानी काबुल से लौटे आइटीबीपी की काबुल बटालियन के कमांडिग ऑफिसर रविकांत गौतम ने काबुल में भारतीयों पर हुए हमले की घटना की विस्तृत जानकारी दी। साथ ही साथ उन्होंने कहा कि फर्ज सामने होता है तो ताकत खुद ब खुद मिल जाती है। यही कारण है कि आज सभी लोग वापस अपने देश आ गए हैं।

बता दें कि आइटीबीपी के कमांडिग ऑफिसर रविकांत गौतम बीते करीब एक साल से वहां तैनात थे। उन्होंने बताया कि काबुल की स्थिति दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है। काबुल में मजार ए शरीफ के पास तालिबानी और अफगानी सेना के बीच अचानक लड़ाई छिड़ गई। दोनों ओर से गोलीबारी और बम फेंके जाने लगे। इस दौरान कई भारतीय मजार ए शरीफ और उसके पास के इलाके में फंस गए थे। आइटीबीपी की टीम ने सभी को वहां से सुरक्षित बचा लिया।

इसके अलावा रविकांत ने बताया कि भारत सरकार हमेशा अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों के साथ खड़ी रही और अधिकारी लगातार उनसे बातचीत कर रहे थे। ऐसे में जब फर्ज आंखों के सामने था तो कभी भी डर नहीं लगा। हमेशा फर्ज से ताकत मिली। उन्होंने बताया कि काबुल से विमान के उड़ने में भी भीड़ अड़चन बन रही थी। हालांकि किसी प्रकार वायुसेना ने विमान को सुरक्षित उतारा और लोगों को लेकर वापस आए हैं। वहीं जानकारी के लिए बता दें कि रविकांत रामस्वरूप गौतम के बेटे हैं। उनकी इस बहादुरी पर उनके परिवार को भी गर्व की अनुभूति हो रही है।

दूसरी ओर आइटीबीपी के जवानों ने भारत लौटने पर खुशी जताई और भारत सरकार का आभार व्यक्त किया। इस दौरान कुछ जवानों ने बताया कि तालिबानियों ने काबुल एयरपोर्ट को पूरी तरह से तहस-नहस कर दिया है। इसके अलावा काबुल के स्कूल, जिम और बाजारों पर भी अपना कब्जा जमा लिया है। दुकानें लूट ली गई हैं। काबुल और अन्य स्थानों की स्थिति बेहद खराब है।

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