“यात्रीगण कृप्या ध्यान दे” क्या आपको पाटा है रेलवे स्टेशन पर सुनाई देने वाली ये आवाज़ किसकी है? यहाँ जानिये!

यात्रीगण कर कृप्या ध्यान दे, इस आवाज़ से कोई भी अनजान नहीं अपनी जिन्दगी में लगभग सभी लोगों ने यह आवाज़ सुनी होगी लेकिन इस आवाज़ अक्सर में रेलवे स्टेशन पर इस आवाज़ को सुनते है। हम भारत में कहीं भी लेकिन यह आवाज़ एक जैसी ही रहती है। कभी नहीं बदलती जानते है क्यों?
इस आवाज़ में ऐसा क्या है जो हर स्टेशन पर एक जैसी सुनाई देती है, क्या यह एक ही महिला की आवाज़ है यह फिर हर जगह अलग अलग महिलाएं है। इस आवाज़ में कभी कोई बदलाव क्यों नहीं होता, कहीं यह कप्यूटराइज़ड आवाज़ तो नहीं है। अक्सर हमारे दिमाग में कई सवाल आते होगे तो चालिए देर किस बात आज हम आपको इस आवाज़ के पीछे छिपे रहस्य से के बारे बताएंगे । और आपके जहन में उठते इन ढ़ेर सारे सवालो पर से प्रश्न चिन्ह हटाते हुए पूर्ण विराम लगाएंगे।
दरअसल रेलवे स्टेशन सुनाई देने वाली आवाज़ में कप्यूटर से ही सुनाई देती लेकिन इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि इसके पीछे किसी महिला का योगदान नहीं है। इस आवाज़ की मालकिन का नाम सरला चौधरी है और रेलवे इनकी आवाज़ को रिर्काड कर पूरे भारत के हर स्टेशन पर भेजकर इन्हें हमेशा के लिए प्रसिद्ध कर दिया और हर स्टेशन पर इनके आवाज़ यात्रियों को सुनाई पड़ती है।
वैसे यह काम इतना आसान भी नहीं था आज जिस तरह आसानी से आवाज़ रिर्काड कर उसे मोड्यूल कर उसमें तरह तरह के इफेक्ट डालकर उसको बेहद खास बनाया जाता है लेकिन आज से लगभग तीस साल पहले यह काम इतना आसान नहीं था। इसके पीछे उनकी कड़ी मेहनत छुपी है। उन्होने 1982 में रेलवे के अनाउंसमेंद के लिए टेस्ट दिया।
उसमें पास होने के बाद रेलवे ने उन्हें दैनिक मजदूर पर रखा। हाला कि 1986 में यह पद स्थायी कर दिया गया। पहले यह अनउंसमेंट सरला को हर स्टेशन पर जाकर करनी होती थी। उन्होने अलग अलग भाषाओं में भी अनाउंसमेंट कर चुकी है ।स्टैंड बाय मोड पर सरला की आवाज़ को इस विभाग ने कंट्रोल रूम में सेव कर लिया है। निजी कारणों की वजह से 12 साल पहले वह इस काम को छोड़ चुकी हैं।