राजस्थान में नकदी फसल का बढ़ा क्रेज, जानें क्या है इसके पीछे की वजह

किसान अब धीरे- धीरे नकदी फसल की तरफ रूख कर रहे हैं. इससे किसानों की इनकम में बढ़ोतरी होने की उम्मीद बढ़ी है. खास कर राजस्थान में नकदी फसलों की तरफ किसान का रुझान कुछ ज्यादा ही देखने को मिल रहा है.
यहां के डूंगरपुर जिले में एक युवा किसान ने नकदी फसल की खेती से शुरू की है, जो दूसरे किसानों के लिए मिसाल बन गई है. अब दूसरे किसान भी अगले साल से नकदी फसल की खेती शुरू करने की योजना बना रहे हैं. खास बात यह है कि नकदी फसल की खेती करने से जमीन की उर्वरा शक्ति भी बढ़ जाती है.
न्यूज 18 हिन्दी की रिपोर्ट के मुताबिक, युवा किसान का नाम विपिन कोटेड है. वे डूंगरपुर शहर के गोकुलपुरा के रहने वाले हैं. उन्होंने अपने गावं खेड़ा में पारंपरिक फसलों को छोड़ मूंग की खेती शुरू की है. इसकी खेती से उन्हें अच्छा मुनाफा होने की उम्मीद है.
उनका कहना है कि कुछ साल पहले तक गांव में उनके पिता और दादा जी गेहूं और मक्के की खेती करते थे. इसमें कम मुनाफा हो रहा था. लेकिन, इस साल से उन्होने मूंग की खेती शुरू कर दी है. खास बात यह है कि दोस्त की सलाह पर उन्होंने मूंग की खेती शुरू की है.
सिंचाई भी गेहूं के मुकाबले कम करनी पड़ती है
विपिन कोटेड का कहना है कि दोस्त का कहना था कि मूंग की खेती में लागत कम आती है. इसमें सिंचाई भी गेहूं के मुकाबले कम करनी पड़ती है, लेकिन मुनाफा ज्यादा होता है. खास बात यह है कि मूंग की खेती करने से खेत की उर्वरा शक्ति बढ़ जाती है.
विपिन कोटेड का कहना है कि उन्होंने 5 एकड़ जमीन पर मूंग की खेती कर रखी है. पैदावार भी अच्छी हुई है. वे जल्द ही मार्केट में मूंगे बेचेंगे, जिससे अच्छी आमदनी होगी.
मार्च का महीने मूंग की बुवाई के लिए सबसे अच्छा समय होता है
विपिन कोटेड का कहना है कि वे मूंग की खेती पहली बार कर रहे हैं. इसलिए मुनाफे का कोई अंदाजा नहीं है. लेकिन, दो से तीन गुनी आमदनी होगी. विपिन कोटेड की माने तो मार्च का महीने मूंग की बुवाई के लिए सबसे अच्छा समय होता है. अगर बुवाई में देरी करेंगे, तो तापमान बढ़ जाएगी. ऐसे में फसल में फूल आने में देरी होगी, जिससे पैदावार प्रभावित हो सकती है.