कौन थे देश के पहले IAS अधिकारी! जिन्होंने सिर्फ 21 वर्ष के उम्र में पाई थी सफलता, जानिए

कौन थे देश के पहले IAS अधिकारी! जिन्होंने सिर्फ 21 वर्ष के उम्र में पाई थी सफलता, जानिए

भारत में यूपीएससी को लेकर युवाओं में गजब का क्रेज होता है। देश की सबसे मुश्किल परीक्षा की तैयारी में अभ्यार्थी वर्षों की मेहनत और तपस्या से एग्जाम क्लियर कर आईएस अधिकारी बनते हैं। आज हम इसी के बारे में बात करने वाले हैं, यूपीएससी की शुरुआत और देश के पहले आईएएस अधिकारी के बारे में जानकारी दी जाएगी।

भारत में सिविल सर्विसेज की शुरुआत साल 1854 में अंग्रेजों ने की थी, संसद की सिलेक्ट कमिटी की लॉर्ड मैकाले की रिपोर्ट के बाद इसकी शुरुआत हुई थी। न्यूनतम 18 वर्ष और अधिकतम 23 वर्ष निर्धारित की गई थी। साला 1855 में लंदन में सिविल सर्विसेज की परीक्षा शुरू हुई। सिविल सेवकों का रजिस्ट्रेशन ईस्ट इंडिया कंपनी के निदेशक द्वारा किया जाता था, इसके बाद लंदन के हेलीबेरी कॉलेज में ट्रेनिंग के लिए भेजा जाता था।

रविंद्र नाथ टैगोर के बड़े भाई सत्येंद्र नाथ टैगोर ने 1864 में सिविल सर्विसेज की परीक्षा में सफलता हासिल की और इसी के साथ देश के पहले आईएएस अफसर होने का गौरव प्राप्त किया। सत्येंद्र नाथ टैगोर सिविल सर्विसेज की परीक्षा के लिए 1862 में इंग्लैंड गए थे,1863 में उन्हें सिविल सर्विसेज के चुना गया। 1864 में ट्रेनिंग पूरी करने के बाद स्वदेश लौटे आधिकारिक तौर पर भारत के पहले आईएएस अधिकारी सत्येंद्र नाथ टैगोर की तैनाती बॉम्बे प्रेसीडेंसी में हुई, कुछ महीने बाद ही अहमदाबाद शहर में स्थानांतरण हो गया।

भारत के पहली आईएएस अधिकारी सतना करो 1842 में कोलकाता में जन्मे। हिंदी स्कूल से पढ़ाई के बाद 1857 में कोलकाता यूनिवर्सिटी से पढ़ाई पूरी की। 17 साल की उम्र में ही सत्येंदनाथ का शादी हो गया, जब वो आईएएस अधिकारी बने तब उनकी उम्र महज 21 साल थी। साहित्य परिवार से आने वाले सत्र नाथ टैगोर ने साहित्य और कला के क्षेत्र में भी प्रसिद्धि पाई।

[ डि‍सक्‍लेमर: यह न्‍यूज वेबसाइट से म‍िली जानकार‍ियों के आधार पर बनाई गई है. Air News अपनी तरफ से इसकी पुष्‍ट‍ि नहीं करता है. ]

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