Delhi NCR AQI Today: ज़हरीली हवा में सांस लेने को मजबूर दिल्लीवासी, पराली जलाने के मामलों में हुआ इज़ाफ़ा

Delhi NCR AQI Today: ज़हरीली हवा में सांस लेने को मजबूर दिल्लीवासी, पराली जलाने के मामलों में हुआ इज़ाफ़ा

Delhi NCR AQI Today: दिवाली के बाद भी हरियाणा और पंजाब में पराली जलाई जा रही है. जिसके चलते दिल्ली और एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर एक बार फिर बढ़ने लगा है.

Delhi NCR AQI Today: केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक, सोमवार सुबह दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता का स्तर 430 के पार पहुंच गया है. आनंद विहार में AQI 388, आरके पुरम में 353, पंजाबी बाग में 419 और ITO में 335 रहा. मौसम विभाग के मुताबिक, अगले कुछ दिनों में दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के साथ-साथ घना कोहरा भी दिखना शुरू हो जाएगा. 

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक, सोमवार सुबह दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता का स्तर 430 के पार पहुंच गया है. आनंद विहार में AQI 388, आरके पुरम में 353, पंजाबी बाग में 419 और ITO में 335 रहा. 

दमघोंटू हवा का शिकार हुई दिल्ली

पराली का धुआं भी दिल्ली की मुश्किलें बढ़ा रहा है, जो पहले से ही मौसमी कारकों के कारण दमघोंटू हवा का शिकार बन चुकी है. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के मुताबिक पंजाब में अब भी बड़ी संख्या में पराली जलाने के मामले सामने आ रहे हैं. सोमवार को भी पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में करीब एक हजार मामले सामने आए. हवा की गति बहुत कम होने के कारण दिल्ली के वातावरण में प्रदूषक कणों का फैलाव बहुत धीमा हो गया है. इसके चलते दिल्ली के लोग ‘बहुत खराब’ या ‘गंभीर’ श्रेणी की हवा में सांस ले रहे हैं.

दिवाली के बाद फिर जल रही पराली

पंजाब और हरियाणा के खेतों में पराली जलाना भी हालात बिगाड़ने में योगदान दे रहा है. दिवाली से पहले 10 और 11 नवंबर को पराली जलाने की छोटी-मोटी घटनाएं सामने आई थीं. इसके पीछे की वजह बड़े इलाके में हो रही बूंदाबांदी और बारिश को माना जा रहा है. दिवाली के बाद पराली जलाने की घटनाएं एक बार फिर बढ़ गई हैं.  

दिल्ली की हवा में पराली का धुआं

रविवार यानी 19 नवंबर को भी पंजाब में 740 घटनाएं सामने आईं. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा तैयार निर्णय समर्थन प्रणाली के अनुसार, 15 नवंबर को दिल्ली की हवा में पराली के धुएं की हिस्सेदारी 24 प्रतिशत थी. डिसीजन सपोर्ट सिस्टम का अनुमान है कि अगले कुछ दिनों में पराली की हिस्सेदारी कम हो जाएगी. बता दें कि इस सीजन में 3 नवंबर को दिल्ली की हवा में पराली के धुएं की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा 35 फीसदी थी. 

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