यूपीएससी परीक्षा से 5 दिन पहले हुआ मां का निधन, रोते रोते दी परीक्षा और बन गई IPS अधिकारी

यूपीएससी परीक्षा से 5 दिन पहले हुआ मां का निधन, रोते रोते दी परीक्षा और बन गई IPS अधिकारी

हर किसी की जिंदगी एक जैसी नहीं होती और न ही हर किसी के संघर्ष की कहानी एक नहीं होती है। जीवन में सफलता उसी के कदम चूमती है, जो अपनी परिस्थितियों से जूझते हुए आगे बढ़ता है। कहते हैं ना, “ख़ुदी को कर बुलंद इतना कि हर तक़दीर से पहले, ख़ुदा बंदे से ख़ुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है।” कठिन वक्त में ही पता चलता है कि इंसान के अंदर कितना क्षमता है।

आज हम जिस शख्सियत के बारे में आपको बताने जा रहे हैं, उनकी जिंदगी में भी हर कदम पर कठनाईयों का पहाड़ खड़ा था, लेकिन वो घबराईं नहीं और न ही भागी। उन्होंने कठिन समय का डटकर सामना किया और आज लोगों के लिए एक मिशाल बनकर उभरी हैं। आइए जानते हैं आईपीएस अपर्णा गुप्ता ने कैसे यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल कर अपना सपना पूरा किया।

कौन हैं अपर्णा गुप्ता?

अपर्णा गु्प्ता उत्तर प्रदेश के मेरठ की रहने वाली हैं। उन्होंने केंद्रीय विद्यालय हल्दिया से 10वीं और 12वीं की परीक्षा पास की है। उन्होंने दोनों ही परीक्षाओं में टॉप भी किया था। जिसके बाद अपर्णा ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की और एक सॉफ्टवेयर कंपनी में नौकरी करने लगी। अपर्णा बताती हैं कि अपनी मां की प्रेरणा से प्रभावित होकर उन्होंने UPSC की तैयारी शुरू की थी।

अपर्णा के परिवार में पिता और दो बहनें हैं। अपर्णा ने बताया है कि उनकी मां का उनसे खास लगाव था, क्योंकि वो दो बेटियों के बाद हुई थीं। इस वजह से उनकी मां को काफी ताने सुनने पड़े थे। उस वक्त मां चुप रहती थी और उनसे कहती थीं कि इन लोगों को कुछ बनकर दिखाना है।

मां की प्रेरणा से मिली सफलता

अपर्णा अपने IPS बनने की सफलता का पूरा श्रेय अपनी मां को देती हैं। अपर्णा के मुताबिक जब वो पहली बार सिविल सर्विसेज की परीक्षा देने जा रहीं थीं, उस वक्त उनकी मां की तबियत बिगड़ गई थी और एग्जाम से पांच दिन पहले (15 मई 2012) को उनकी मां की मौत हो गई थी। उस वक्त उन्होंने रोते-रोते ये परीक्षा दी थी। ऐसे हालातों में भी उनका प्री-एग्जाम निकल गया था, लेकिन मेन्स में वो दो नंबर से रह गईं थीं। अपर्णा को अपनी अपनी मां के जाने का सदमा तो था, लेकिन उन्हें अपनी मां की आगे बढ़ते रहने की नसीहत भी याद थी।

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एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि उनकी मां ही उनकी सबसे बड़ी रोल मॉडल हैं। मां की पोजिटिव सोच और हमेशा आगे बढ़ते रहने देने की प्रेरणा की वजह से वो इस मुकाम पर आकर खड़ी हुई हैं। अपर्णा के मुताबिक उनकी मां ने कभी भी मुश्किलों में हार नहीं मानी और यही उन्हें भी सिखाया।

रेड लाइट एरिया में बंधक लड़कियों को कराया मुक्त

अपर्णा 2015 बैच की IPS अधिकारी हैं। अपर्णा गुप्ता आगरा, मुरादाबाद, कानपुर जनपद में अहम पदों पर तैनात रह चुकी हैं। आगरा के एक तहखाने में जिस्मफिरोशी के लिए बंधक बनाकर रखी गईं लड़कियों को मुक्त कराने के बाद वे मीडिया की सुर्खियों में आई थीं। उस घटना को लेकर अपर्णा बताती हैं कि जब उन्होंने तहखाने में जानवरों की तरह कैद लड़कियों को देखा, उस वक्त उनके होश उड़ गए और उनका गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। उन्हें उन लड़कियों की हालत पर बहुत तरस आया।

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