झीरम कांड मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत : नक्सली हमले मे दिवंगत नेता की पत्नी अनिता शर्मा ने कहा – अब उम्मीद की किरण जागी है, षड्यंत्र का होगा पर्दाफाश

झीरम कांड मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत : नक्सली हमले मे दिवंगत नेता की पत्नी अनिता शर्मा ने कहा – अब उम्मीद की किरण जागी है, षड्यंत्र का होगा पर्दाफाश

सुरेंद्र जैन, धरसीवा. 25 मईं 2013 को झीरम घाटी नक्सली हमले में 30 लोग शहीद हुए थे. इस मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने एनआईए की याचिका खारिज कर छत्तीसगढ़ पुलिस को जांच की अनुमति देने का फैसला सुनाया. इसका स्वागत करते हुए झीरम नक्सली हमले में शहीद धरसीवा के दिवंगत कांग्रेस नेता योगेंद्र शर्मा की पत्नी विधायक अनिता शर्मा ने कहा है कि अब उम्मीद की किरण जागी है और अब झीरम के षड्यन्त्र का पर्दाफाश होगा.

बता दें कि 25 मई 2013 को जब कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा झीरम घाटी से गुजर रही थी तभी उस पर नक्सली हमला हुआ था, जिसमें छत्तीसगढ़ की लगभग पूरी कांग्रेस एक तरह से समाप्त हो गई थी, क्योंकि इस हमले में पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल, पीसीसी चीफ नन्दकुमार पटेल एवं उनके पुत्र के अलावा बस्तर टाइगर के नाम से प्रसिद्ध कांग्रेस नेता महेंद्र कर्मा सहित 30 लोग शहीद हुए थे. इनमें धरसीवा के कद्दावर नेता योगेंद्र शर्मा भी शामिल थे, जिनका 2013 के चुनाव में धरसीवा से चुनाव लड़ना तय माना जा रहा था.

झीरम कांड की जांच एनआईए कर रहा था, लेकिन झीरम कांड के बाद 5 साल भाजपा के सत्ता में रहते इसका खुलासा न होने पर 2018 में जब कांग्रेस सरकार बनी तो भूपेश बघेल सरकार ने झीरम कांड से पर्दा उठाने की बात कही और जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था, लेकिन एनआईए के दस्तावेज न देने व सुप्रीम कोर्ट जाने के बाद कांग्रेस के 5 साल के राज में भी झीरम कांड का सच सामने नहीं आ सका, लेकिन मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने जैसे ही एनआईए की याचिका खारिज कर छत्तीसगढ़ पुलिस को जांच की अनुमति दी तो झीरम में अपना सुहाग गंवाने वाली योगेंद्र शर्मा की पत्नी विधायक अनिता शर्मा को भी जल्द न्याय की उम्मीद जागी.

विधायक अनिता शर्मा ने कहा कि झीरम कांड सुनियोजित राजनीतिक षड्यन्त्र था, क्योंकि हमले के समय मारने वालों ने नाम पुकारकर मारा था. यदि यह नक्सली हमला होता तो यह नहीं कहते मारने वाले कि नंदकुमार पटेल कौन है, महेंद्र कर्मा कौन है, विद्याचरण शुक्ल कौन है. इस तरह नाम पुकारकर एक एक को मारा, जिससे स्प्ष्ट है कि यह एक षड्यन्त्र रहा, जिसका पर्दाफाश जरूरी है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एसआईटी का गठन किया, ताकि झीरम का सच सबके सामने लाया जा सके, लेकिन एनआईए ने दस्तावेज नहीं दिए और सुप्रीम कोर्ट चले गए, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से सबको न्याय मिलेगा.

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