वीरेंदर सहवाग का नाम सुनते ही ये 4 बातें हमारे दिमाग में आती हैं

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व विस्फोटक सलामी बल्लेबाज़ वीरेंदर सहवाग उन चंद खिलाड़ियों में से एक हैं, जिन्हें फैन्स काफी मिस करते हैं। वह ताबड़तोड़ बल्लेबाज़ी तो करते ही थे, साथ ही वह विपक्षी टीम पर माइंड गेम में भी आगे रहते थे। सहवाग ने 104 टेस्ट मैचों में 50 से कम के औसत से 8586 रन बनाये थे।
वहीं वीरू ने 251 वनडे मैचों में 35 के औसत से 8273 रन बनाये हैं। लेकिन उनकी बल्लेबाज़ी की सबसे खास बात उनका स्ट्राइक रेट रहा है, जो टेस्ट में 82 और वनडे में 104 का था। वीरेंदर सहवाग की जब भी चर्चा होती है, तो ये 4 बातें हमारे जेहन में आ जाती हैं।
वीरेंदर सहवाग का नाम आने पर ये 4 बातें हमारे दिमाग में आती हैं
4.आक्रामक बल्लेबाज
सहवाग ऐसे बल्लेबाज़ माने गये हैं, जिन्होंने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में तकनीक का ज्यादा इस्तेमाल नहीं किया है। उनकी बल्लेबाज़ी पूरी तरह से हैंड-आई कोअर्डिनेशन पर ही डिपेंड रही है। विकेट कैसी है, कैसी परिस्थितियां हैं और गेंदबाज़ कौन सा है। सहवाग ने इस बारे में कभी सोचा ही नहीं।
नजफ़गढ़ के नवाब ने सिर्फ गेंद को हिट किया। वह गेंदबाजों के लिए किसी दुस्वप्न से कम नहीं थे। उन्होंने अपनी आक्रामक बल्लेबाज़ी से भारत को कई मैच जिताए। उनकी विस्फोटक पारी के बाद सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण को पिच पर टिकने का समय मिल जाया करता था। आज भी भारतीय टीम में उनकी कमी खलती है। साथ ही फैन्स के दिलों पर सहवाग आज भी राज करते हैं।
3.पहली गेंद पर चौका
एम एस धोनी की आदत थी कि वह आखिरी गेंद पर छक्का मारते थे, तो वहीं वीरू को फैन्स इसलिए याद रखते हैं कि वह पहली गेंद पर चौका जड़ते थे। साल 2011 के वर्ल्ड कप फाइनल, 2013 में सेल्कन कप के फाइनल और एशिया कप के फाइनल में धोनी ने छक्का जड़कर भारतीय टीम को जीत दिलाई थी।
धोनी की तरह सहवाग की अपनी स्टाइल थी और वह मैच की पहली गेंद पर चौका जड़ते थे। ऐसा उन्होंने 2011 वर्ल्ड कप में फाइनल के अलावा हर मैच में किया था। अपने पूरे वनडे करियर में सहवाग ने कई बार चौके से शुरुआत की है। उनके बाद शेन वाटसन इस मामले में दूसरे नंबर पर हैं।
"Virender Sehwag announces the Indian innings open!" #DidYouKnow, Sehwag's first scoring shot in every game of @cricketworldcup 2011 before the final was a boundary 🤯 pic.twitter.com/HM6T5rGRmg
— ICC (@ICC) October 20, 2020
2.छक्का जड़कर कीर्तिमान बनाना
सहवाग को इस वजह से सबसे ज्यादा याद किया जाता है। कोई बल्लेबाज़ ऐसे मौके पर छक्का मारने की सोचता नहीं था। सामान्यत: 50, 100, 150 और 200 के करीब पहुंचने वाला बल्लेबाज़ आराम से खेलना पसंद करता है।
लेकिन सहवाग ने बतौर बल्लेबाज़ अपने शतक और तिहरे शतक के मौके पर छक्का जड़ा और अपने ही अंदाज में माइलस्टोन को हासिल किया। सहवाग ने कभी सोचा ही नहीं कि वह कब कितना रन बनाकर खेल रहे हैं। उनको गेंद मारने वाली लगी तो उन्होंने उसे सीमा पार भेज दिया। उन्होंने अपना तिहरा शतक भी छक्का लगाकर पूरा किया था।
1.ट्विटर किंग
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